पारिजात वृक्ष एक ऐसा वृक्ष है जिसकी उत्पत्ति समुद्र से हुई है इसकी उम्र 1000 वर्ष से लेकर के 5000 वर्ष तक होती है इसमेंanti-inflammatory और साथ ही साथ एंटीमाइक्रोबियल्स, एंटीबैक्टीरियल जैसे एलिमेंट पाए जाते हैं जो शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते हैं।
पुराणों के अनुसार पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन के पश्चात हुई थी। यह अलौकिक वृक्ष देवराज इंद्र को मिलता है।
(1) बेन्जोइक एसिड (2) फ्रक्टोज (3) ग्लूकोज (4) कैरोटीन (5) मिथाइल सेलिसिलेट (6) रैनिक एसिड (7) ओलेनोइक एसिड
(1)गठिया रोग से छुटकारा (2)बुखार को भी ठीक करने में अपनी अहम भूमिका निभाता है। (3) संक्रमण में भी सहायक। (4)मन को शांति प्रदान करता हैं। (5)एलर्जी की प्रॉब्लम को भी दूर करता हैं।
(1) सीने में जलन (2)मतली और उल्टी (3) सिर दर्द (4)चक्कर आना
पारिजात वृक्ष की शाखाओं का उपयोग रोगों के उपचार में किया जा सकता हैं। साथ ही साथ उसके पत्तों का भी प्रयोग किया जाता है।
सफेद फूल वाला पौधा हरसिंगार और रात की रानी के नाम से भी जाना जाता है। इसके औषधि गुण किसी चमत्कार से कम नहीं है। इसमें ऐसे- ऐसे पूछी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो किसी अन्य पदार्थों में नहीं पाया जाता है।