दूसरे फेज में अब प्लेऑफ के लिए सभी टीमें जोरआजमाइश कर रही हैं। इस बीच सोमवार को आरसीबी और एलएसजी की टीमें आमने सामने थीं। मैच काफी रोमांचक हुआ।
जब टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी आरसीबी की टीम ने नौ विकेट पर 126 रन बनाए थे, उस वक्त किसी को भी ये अंदाजा नहीं था कि मैच इस मोड़ पर पहुंच जाएगा। हालांकि आईपीएल और क्रिकेट को लगातार फॉलो करने वाले लोग जानते हैं कि लो स्कोरिंग मैच कभी कभी ऐसे जाते हैं।
एलएसजी की टीम इस छोटे से टोटल का पीछा भी नहीं कर पाई और 108 रन बना कर 20 ओवर पूरे होने से एक गेंद पहले ही आउट हो गई। आरसीबी ने 18 रन से मैच अपने नाम कर लिया। इस बीच आरसीबी ने इस मैच में वो काम कर दिखाया, जो पिछले 15 साल से नहीं हुआ था।
फॉफ डुप्लेसी की कप्तानी ने कामयाबी हासिल कर ली है। इससे पहले साल 2008 में भी चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ आरसीबी ने 127 रनों के स्कोर को बचाया था, इस बीच ऐसा नहीं है कि आरसीबी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए इतना टोटल न बनाया हो, बनाया तो था, लेकिन इसका बचाव नहीं कर पाए।
आरसीबी ने 2008 में इतने ही टोटल को बचाकर मैच जीता था और अब फिर से इसे बचा लिया। ये आरसीबी का आईपीएल के इतिहास में सबसे छोटा स्कोर है, जिसे बचाया गया है। इसके बाद राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ भी साल 2009 के आईपीएल में आरसीबी ने 134 रनों का बचाव सफलतापूर्वक किया था।
मैच की बात की जाए तो फॉफ डुप्लेसी के 40 गेंद पर बनाए गए 44 रन शामिल रहे, जो इस टीम की ओर से सबसे बड़ा स्कोर था। इसमें एक चौक और एक छक्का आया। वहीं विराट कोहली ने 30 गेंद पर 31 रन की पारी खेली। इसमें तीन चौके लगे। दिनेश कार्तिक ही थे, जो दहाई का आंकड़ा पार कर पाए। उन्होंने 11 गेंद पर 16 रन बनाए। उनके बल्ले से एक चौका और एक छक्का आया।
इतने छोटे स्कोर का पीछा करने जब एलएसजी की टीम उतरी तो उसे पहला झटका, पहले ही ओवर में मोहम्मद सिराज ने दिया, जब काइल मेयर्स अपना खाता भी नहीं खोल पाए।
इसके बाद लगातार अंतराल पर विकेट गिरते रहे और पूरी टीम 108 रन ही बना सकी। एलएसजी की ओर से सबसे ज्यादा रन के गौतम के बल्ले से आए, जिन्होंने 13 गेंद पर 23 रन बनाए, बाकी कोई बल्लेबाज 20 रन का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया।
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