नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन ने एक शोध प्रकाशित किया था। जिसमें पाया गया कि कढ़ी का पत्ता शरीर के असाध्य रोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। क्योंकि इसमें डाई क्लोरोमिथेन और इसके साथ ही साथ एथिल एसीटेट भी पाया जाता है।
कढ़ी के पत्ते को अंग्रेजी भाषा में करी लीफ कहते हैं। करी पत्ता स्वाद में नीम का पत्ता कड़वा लगता है लेकिन कढ़ी का पत्ता स्वाद में नीम के पत्ते के अनुपात में कम कड़वा लगता है।कढ़ी के पत्ते का वैज्ञानिक नाम” मुराया कोयनीजी” है।
करी के पत्ते की सेवन के पश्चात हमारे शरीर से अनचाहा मोटापा कम होता है और सूजन की समस्या दूर होती है और साथ ही साथ एनीमिया की समस्या और डायबिटीज की समस्या भी दूर होगा।
करी पत्ते का सेवन स्तनपान कराने वाली महिला और गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए।
करी पत्ता में विटामिन और सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे हमें कोई बीमारी नहीं होगी।