खाटू श्याम के भक्त केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हैं। राजस्थान में स्थित बाबा के मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए लंबी लंबी कतारें लगती हैं।
लोग जब मन्नत मांगने जाते हैं या मन्नत पूरे होने के बाद जाते हैं तब श्याम बाबा पर निशान चढ़ाते हैं और वह निशान होता है झंडा।
खाटू श्यामजी को निशान चढ़ाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है और यह निशान बेहद पवित्र माना जाता है। खाटू श्याम पर जो निशान चढ़ाया जाता है, उसे झंडा कहते हैं।
सनातन धर्म में ध्वज को विजय के प्रतीक के तौर पर माना जाता है। साथ ही यह निशान श्याम बाबा द्वारा दिया गया बलिदान और दान का प्रतीक माना जाता है।
भगवान कृष्ण के कहने पर धर्म की जीत के लिए उन्होंने अपना शीश समर्पित कर दिया था और युद्ध का श्रेय भगवान कृष्ण को दिया था।
श्याम बाबा के ध्वज का रंग केसरिया, नारंगी और लाल रंग का होता है, निशान पर कृष्ण और श्याम बाबा के चित्र और मंत्र अंकित होते हैं। कुछ निशानों पर नारियल और मोर पंख भी अंकित होता है।
श्याम बाबा के ध्वज का रंग केसरिया, नारंगी और लाल रंग का होता है, निशान पर कृष्ण और श्याम बाबा के चित्र और मंत्र अंकित होते हैं। कुछ निशानों पर नारियल और मोर पंख भी अंकित होता है।
यह यात्रा रींगस से खाटू श्याम मंदिर तक की जाती है, जो 18 किमी. की होती है।