अश्वगंधा के फायदे
अश्वगंधा विदानिया कुल का पौधा है। जिसका वैज्ञानिक नाम विथेनिया सोम्नीफेरा है। विश्व में इसकी कुल 10 प्रजातियां है। इन 10 प्रजातियों में से 2 प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं।
(1) प्रोटीन
(2) फाइबर
(3) कार्बोहाइड्रेट
(4) कैल्शियम
(5) आयरन
(1) प्रोटीन
(2) फाइबर
(3) कार्बोहाइड्रेट
(4) कैल्शियम
(5) आयरन
सुश्रुत और चरक जैसे प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य अश्वगंधा को कई रोगों के उपचार के लिए एक रामबाण औषधि माना है।
अश्वगंधा की पत्तियों को भी आप अपने हाथों से मसलकर सूंघेंगे तो आपको घोड़े की पसीने की जैसी बदबू आएगी। घोड़े की तीव्र गंध आने के कारण इसका नाम अश्वगंधा पड़ा
बंग्ला भाषा में अश्वगंधा को अश्वगंधा ही बोला जाता है।
मराठी भाषा में इसे आसन्ध या डोरगुंज के नाम से जाना जाता है।
तेलुगु भाषा में इसे पनेरु या पुलिवेंद्रम भी कहते हैं।
गुजराती भाषा में इसे आसन्ध या घोड़ा आहान के नाम से जाना जाता है।
अश्वगंधा के सेवन के पश्चात इससे कैंसर रोग और साथ ही साथ प्रजनन क्षमता में वृद्धि और अवसादग्रस्तता साथ में इससे मसल्स में वृद्धि होती है।
इसकी अधिक डोज से जी मिचलाना और उल्टी दस्त की संभावना हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं के एक के सेवन से बचना चाहिए इससे गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है।
अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है जो हमारे शरीर में होने वाले अनेक विचारों को ठीक करके शरीर को सुचारू ढंग से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।