Shrikant Jichkar Ka Jivan Parichay: आज मैं एक ऐसे शख्स के विषय में बताने वाला हूं। जिनके पास 42 विश्वविद्यालय की परीक्षा में बैठने के बाद 20 डिग्री प्राप्त की और साथ ही साथ प्रशासनिक अधिकारी और राजनीतिक भी थे। वह भारत में सबसे पढ़े लिखे व्यक्ति माने जाते हैं और उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल है। अपनी होनहार प्रतिभा के कारण उन्होंने अपने अंतिम सांस तक जब तक वह जीवित रहे तब तक उन्होंने उपाधियां अर्जित करते गए। अभी वर्तमान में आज कल के युवाओं को एक डिग्री हासिल करने मे फाख्ते उड़ जाते हैं। एक ऐसा शख्स है जो भारत में 20 डिग्रियां अर्जित की है। सुनकर थोड़ा आश्चर्य होता है लेकिन आश्चर्य करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि जिसके पास कुछ करने का लगन और स्वयं पर विश्वास हो वह पूरी पृथ्वी को जीत सकता है तो चलिए जानते हैं कि श्रीकांत जिचकर कौन हैं?
श्रीकांत जिचकर कौन हैं? (Shrikant Jichkar Kaun Hai)
श्रीकांत जिचकर का जन्म महाराष्ट्र के कटोल नामक स्थान पर 1954 में हुआ था। उनका जन्म मराठा परिवार के एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था। वह प्रारंभ से ही एक मेधावी छात्र थे और क्लास में हमेशा अब्बल आते थे। उन्होंने ताउम्र डिग्रियां अर्जित करने में लगा दी। उनके पिता का नाम रामचंद्र जिचकर है और पत्नी का नाम राजश्री जिचकर है। राजश्री जिचकर के दो बच्चे हैं। एक बेटा और एक बेटी। कुछ स्रोतों से ज्ञात होता है कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई नागपुर से की थी। विलक्षण प्रतिभा के धनी व्यक्ति होने के कारण वह अपनी प्रतिभा के बदौलत स्कॉलरशिप के माध्यम से विदेश में भी अपना परचम लहराया।

श्रीकांत जिचकर के पास कौन-कौन सी डिग्री थी? (Shrikant Jichkar Ke Pas Kon Kon Si Degree Hai)
श्रीकांत जिचकर के बाद निम्नलिखित डिग्रियां थी।
(1) बैचलर आफ मेडिसिन एंड बैचलर आफ सर्जरी
(2) एमडी गोल्ड मेडलिस्ट
(3) बैचलर आफ लॉ
(4) एलएलएम
(5) एमबीए
(6) बैचलर इन जर्नलिज्म
(7) संस्कृत में डी लिट्
(8) हिंदी में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री
(9) मनोविज्ञान में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री
(10) समाजशास्त्र में मास्टर आफ आर्ट्स की डिग्री
(11) सामाजिक विज्ञान में मास्टर आफ कार्ड के डिग्री
(12) आर्कियोलॉजी में मास्टर ऑफ आर्ट्स के डिग्री
(13) एंथ्रोपोलॉजी में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री
श्रीकांत जिचकर का योगदान क्या-क्या रहा है? (Shrikant Jichkar Ka Yogdan Kya Kya Raha Hai)
श्रीकांत जिचकर का योगदान निम्नलिखित क्षेत्रों में रहा है।
(1) प्रशासन अधिकारी के क्षेत्र में
श्रीकांत जिचकर 1976 में इंडियन पुलिस सर्विस में सिलेक्ट हुए थे तदोपरांत कुछ समय बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में भी चयनित हुए थे।
(2) राजनीति के क्षेत्र में
1981 में मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव असेंबली के सदस्य बने और 1992 से 1998 तक राज्यसभा के सांसद रहे।
(3) सामाजिक योगदान
सबसे बड़ा उनका सामाजिक योगदान यह रहा कि उन्होंने विश्व स्तर पर भारत का नाम रोशन किया और संदीपनी स्कूल की स्थापना की इसके अलावा उन्होंने कालिदास संस्कृत यूनिवर्सिटी की भी स्थापना की नागपुर में।
(4) लेखन के क्षेत्र में
श्रीकांत जिचकर का सबसे बड़ा योगदान या रहा कि उन्होंने समाजवाद में आर्थिक सिद्धांत नाम की एक बुक लिखी। जिसके माध्यम से यह बताया कि समाजवाद की विचारधारा में भी आर्थिक स्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती है। कुछ सुदृढ़ कदम उठाकर।
श्रीकांत जिचकर की मृत्यु कैसे हुई? (Shrikant Jichkar Ki Mrityu Kaise Hui)
2 जून 2004 को श्रीकांत जिचकर की मृत्यु एक सड़क हादसे में हुई। मृत्यु के समय उनकी उम्र 49 वर्ष थी।
निष्कर्ष:
श्रीकांत जिचकर एक मेधावी छात्र होने के साथ-साथ एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और एक कुशल वक्ता और साथ ही साथ एक कुशल राजनीतिज्ञ भी थे। यदि एक शब्दों में कहा जाए तो वह कुशाग्र बुद्धि के धनी व्यक्ति थे। इसकी जानकारी हमें उनकी डिग्री और व्यक्तित्व शैली और सामाजिक योगदान को देखकर पता चल सकता है।
सामान्य प्रश्न
(1) श्रीकांत जिचकर का जन्म किस सन में हुआ?
श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितंबर 1954 को एक मराठा कृषक परिवार में हुआ।
(2) भारत में सबसे ज्यादा पढ़ाई करने वाले व्यक्ति कौन हैं?
भारत में सबसे ज्यादा पढ़ाई करने वाले व्यक्ति का नाम श्रीकांत जिचकर है। जिनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल है।
(3) श्रीकांत जिचकर की मृत्यु किस सन में हुई?
श्रीकांत जिचकर की मृत्यु 4 जून 2004 को हुई एक सड़क दुर्घटना में।
(4) श्रीकांत जिचकर ने कौन सी बुक लिखी?
श्रीकांत जिचकर ने” समाजवाद में आर्थिक सिद्धांत नामक बुक लिखी।
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