वेट लॉस और टाइप टू डायबिटीज को कंट्रोल करने में सहायक साबित हो सकता है लेमन बाम
पुदीना के परिवार से ताल्लुक रखने वाला लेमन बाम का उपयोग प्राचीन भारत में इसका उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और फेस पर ग्लोइंग के लिए उपयोग होता रहा है। अभी वर्तमान समय में विदेशों में इस पर काफी रिसर्च भी चल रहा है। इस रिसर्च के पीछे का कारण यह है कि इसमें पाया जाने वाला एंटीफंगल एंटीमाइक्रोबियल्स, एंटीबैक्टीरियल और एंटी डायबिटीज और anti-inflammatory का गुण इसे विशेष औषधि का दर्जा प्रदान करती है। टीवी सीरियल से लेकर के बॉलीवुड की अभिनेत्री और हॉलीवुड की अभिनेत्री अपनी स्किन को खुशनुमा बनाने के लिए लेमन बाम का उपयोग करती है। जिससे उनका स्किन टाइट रहे और स्किन पर चमक भी बनी रहे। लेमन बाम के फायदे (Lemon Balm ke Fayde) वैसे तो बहुत है जैसे कि यह वेट लॉस से लेकर के इम्यूनिटी बूस्टर और डायबिटीज को कम करने में उपयोग होता रहा है।
आखिरकार लेमन बाम क्या होता है?
लेमन बाम का वैज्ञानिक नाम मेलिसा ऑफिसिनैलिस है। लेमन बाम को भारत में अलग-अलग नामों जैसे बाम मिंट, ब्लू बाम, गार्डन बाम और स्वीट बाम के नाम से जाना जाता है। लेमन बाम की पत्तियों का रंग पीला और हरा होता है इसे हाथ से रगड़ने पर इसमें से भीनी भीनी खुशबू आती है।
लेमन बाम में पाए जाने वाला पोषक तत्व कौन -कौन सा है?
(1) विटामिन सी
(2) विटामिन बी
(3) एंटी इन्फ्लेमेटरी
(4) एंटीफंगल
(5) एंटी डायबिटिक
(6) एंटीबैक्टीरियल
(7) एंटीमाइक्रोबॉयल
लेमन बाम के उपयोग के परिणाम स्वरूप इससे होने वाले फायदे क्या- क्या है?
(1) होंठ पर सूजन और लाल चकत्ते पड़ जाने की समस्या का निदान करता है
सर्दियों के मौसम में अमूमन देखा जाता है कि होंठ पर सूजन और लाल चकत्ते जो पड़ जाते हैं जिसे कोल्ड सोर की बीमारी कहते हैं।कोल्ड सोर की बीमारी हरपीज वायरस के कारण होता है। यह वायरस शरीर में तब एक्टिव होता है जब बाहर से कोई न्यूट्रिशन होंठ को नहीं मिल पा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप कोल्ड सोर हो जाता है। यदि इस बीमारी से बचना है तो इसके लिए आप लेमन बाम को अपने होठों पर लगाइए इससे हरपीज वायरस का खात्मा होगा। इसके परिणाम स्वरूप आप अल्सर की बीमारी से बच जाएंगे और आपको होंठ सूजन भी नहीं होगा क्योंकि इसमें anti-inflammatory का गुण भी पाया जाता है।
(2) अनिद्रा की बीमारी से राहत प्रदान करता है
गलत खान-पान के कारण और देर रात तक जागकर के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का उपयोग करना और पढ़ाई का दबाव और कैरियर का दबाव ना जाने कितनी समस्याएं व्यक्ति को घेर लेते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप वह तनावग्रस्त हो जाता है। उसको रात में नींद नहीं आती है।तनावग्रस्त से निजात पाने के लिए व्यक्ति को लेमन बाम को उबालकर के उसको काढ़ा के रूप में पीना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को नींद में सुधार होगा तनाव भी कम होगा क्योंकि लेमन बाम में एंटी स्ट्रेस का गुण पाया जाता है जो तनाव को काफी हद तक कम करता है।
(3) रेडिएशन के प्रभाव को निष्क्रिय करता है
रेडिएशन जिसे हिंदी के भाषा में विकिरण कहा जाता है। इस रेडिएशन का उपयोग कैंसर की बीमारी और अन्य बीमारियों के रोग के उपचार में किया जाता है। बीमारी तो ठीक हो जाती है। लेकिन रेडिएशन शरीर के अन्य अंगों पर भी दुष्प्रभाव डालता है। यदि आप इस दुष्प्रभाव से बचना चाहते हैं। तब आप लेमन बाम का उपयोग कर सकते हैं। इसका कारण है लेमन बाम में पाए जाने वाला एंटी रेडिएशन का गुण रेडिएशन के दुष्प्रभाव बहुत ही घातक होता है। यह डीएनए पर प्रहार करता है। जिससे आने वाली पीढ़ी विकृति भी हो सकती है।
(4) इम्यूनिटी बूस्ट करने में भी हेल्प करता है
लेमन बाम इम्यूनिटी बूस्टर का भी काम करता है क्योंकि इसमें एंटीमाइक्रोबॉयल का गुण पाया जाता है जो शरीर में वायरस को पनपने नहीं देता है। इसके अलावा एंटीबैक्टीरियल का भी गुण पाया जाता है। जिससे आपके शरीर में बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों से आपको रक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा anti-inflammatory भी पाया जाता है जो बाहर से आने वाले वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ रोग प्रतिरोधक का कार्य करता है। इम्यूनिटी सिस्टम जिस भी व्यक्ति का स्ट्रांग रहता है वह किसी भी मौसम के साथ अनुकूलन कर सकता है। जबकि जिस व्यक्ति का इम्यूनिटी सिस्टम वीक रहता है वह मौसम परिवर्तन के कारण बीमारी से ग्रसित हो जाता है। इसका कारण यह होता है कि कई वायरस या बैक्टीरिया मौसम परिवर्तन के साथ एक्टिव या डीएक्टिव होते रहते हैं।
(5) मुख का दुर्गंध और घाव को भी ठीक करता है
मुंह में जो दुर्गंध आती है। वह दुर्गंध बैक्टीरिया के कारण आता है। इसका एक कारण यह भी होता है कि आपका पाचन क्रिया वीक है यानी कि आपका खाया पिया पच भी नहीं रहा है। इसलिए आपके मुंह से दुर्गंध भी आ रहा है यदि इस दुर्गंध से निजात पाना चाहते हैं जल्दी से तब आप लेमन बाम को गुनगुने पानी में डाल करके कुल्ला करने से मुंह की बैटरी खत्म हो जाती है। जिसके परिणाम स्वरूप आपके मुख से अब दुर्गंध नहीं आएगी इसके अलावा यदि आपकी मुंह के अंदर कोई घाव हो गया है। तब भी आप लेमन मिंट का पेस्ट बनाकर के उस घाव पर लगा दीजिए इससे जल्दी ही घाव भर जाएगा।
(6) वेट लॉस करने में भी हेल्प करता है
यदि आपका वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया है और वजन कम करने के लिए तरह-तरह के प्रयास करके थक चुके हैं और आपके पास कोई विकल्प नहीं दिख रहा है कि इस मोटापे को कम कैसे किया जाए तो इसके लिए आप लेमन बाम का उपयोग कर सकते हैं। लेमन बाम में वजन को कंट्रोल करने वाला फ्लेवोनोइड नामक गुण पाया जाता है जो वजन को कम भी करता है और बढ़ने से रोकता भी है। इससे आप कम समय में भी मोटापे की बीमारी से बच सकते हैं और अपने वजन को कम करके आप अपने पर्सनालिटी में निखार भी ला सकते हैं।
(7) टाइप टू डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी हेल्प करता है
लेमन बाम में anti-diabetic का भी गुण पाया जाता है जो टाइप टू डायबिटीज को नियंत्रित करता है। जिसके परिणाम स्वरूप इंसुलिन का स्रावण कम होता है और आपका डायबिटीज कंट्रोल रहता है और आपको बार-बार इंसुलिन का इंजेक्शन नहीं लेना पड़ता है।
(8) थायराइड को बढ़ने से रोकता है
थायराइड के बढ़ने से अचानक मोटापा बढ़ जाता है और अचानक मोटापा कम भी हो जाता है यदि थायराइड को कंट्रोल करना है इसके लिए आप लेमन बाम को प्रयोग कर सकते हैं लेमन बाम में एंटी थायराइड का गुण पाया जाता है जो थायराइड की अल्पस्रावण और ज्यादा मात्रा में श्रावण को नियंत्रित करता है।
लेमन बाम के उपयोग के परिणाम स्वरूप इससे होने वाले नुकसान क्या -क्या है?
(1) लेमन बाम का उपयोग एक सीमा से अधिक उपयोग करना सेहत के लिए हानिकारक साबित होता है क्योंकि कई शोध में देखा गया है कि यदि इसका उपयोग अधिक मात्रा में किया जाए तो इससे ग्लूकोज की मात्रा शरीर में कम हो जाती है जिससे आप अपने आप को कमजोर सा महसूस करने लगते हैं।
(2) गर्भवती महिलाओं को लेमन बाम का उपयोग करने से चिकित्सक मना करते हैं। यदि किसी रोग विशेष में इसका उपयोग करना यदि जरूरत हो जाए तो आप किसी चिकित्सक के परामर्श से ही इसका उपयोग करिए।
(3) शैशवावस्था से लेकर के बाल्यावस्था तक के बच्चों को लेमन बाम का उपयोग करने से मनाही है अर्थात 1 साल से लेकर के 12 साल तक के बच्चे को लेमन बाम का उपयोग नहीं करना चाहिए।
(4) ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माताओं को भी लेमन बाम का उपयोग नहीं करना चाहिए इससे दुग्ध ग्रंथियां प्रभावित होती हैं।
लेमन बाम का उपयोग कैसे करें?
Lemon Balm ke Fayde: लेमन बाम का उपयोग काढ़ा के रूप में भी किया जा सकता है और इसके अलावा यदि आपके शरीर में किसी स्थान पर घाव हो गया है और वह घाव नासूर हो गया है तो उस घाव को ठीक करने के लिए लेमन बाम का पेस्ट भी बनाकर उपयोग कर सकते हैं और यदि अपने प्रतिदिन के दिनचर्या में इसका उपयोग करना चाहते हैं तो हर्बल टी के रूप में उपयोग कर सकते हैं और सर्दियों के मौसम में लिप बाम के रूप में भी प्रयोग हो सकता है यदि चेहरे पर चमक लाना है तो इसका उपयोग फेस पैक के रूप में भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
Lemon Balm ke Fayde: लेमन बाम में पाए जाने वाला विटामिन सी और विटामिन बी और एंटीमाइक्रोबियल्स, एंटीबैक्टीरियल गुण ए सब शरीर में होने वाले विकारों से शरीर की रक्षा करते हैं।
FAQ:
(1) लेमन बाम का वैज्ञानिक नाम क्या है?
लेमन बाम का वैज्ञानिक नाम मेलिसा ऑफिसिनैलिस है।
(2) लेमन बाम कैसे लगाएं
लेमन बाम का पौधा लगाने के लिए आप अपने गार्डन में आसानी से इसका पौधा लगा सकते हैं। यदि आप मौसम की बात करें तो आप शीतकालीन मौसम में इस पौधे का रोपण कर सकते हैं।
(3) रोज लिप बाम लगाने से क्या होता है
रोज लिप बाम लगाने से होठ फटते नहीं है होठों पर नमी बनी रहती है।
(4) लिप बाम क्या हानिकारक भी है
लिप बाम हानिकारक तभी साबित होते हैं जब इसका अधिक मात्रा में उपयोग किया जाए और इसके अलावा यदि लिप बाम मेंथाल से बना हो वह स्वास्थ्य हानिकारक ही साबित होता है।