Gomukh: गोमुख एक ऐसा तीर्थ स्थल है जहां से गंगा नदी का उद्गम होता है। गंगा नदी एक राष्ट्रीय नदी है और भारत की सबसे बड़ी नदी भी है और सबसे बड़ा डेल्टा गंगा नदी पर ही स्थित है। इसके अलावा गंगा नदी हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए प्राचीन काल से पूजनीय भी है। जिसके परिणामस्वरूप गंगा नदी का उद्गम स्थल बहुत ही पवित्र हो जाता है। हिंदू धर्म को मानने वाले अनुयायियों के दृष्टिकोण से गोमुख के तीर्थ स्थल पर हर वर्ष लाखों की संख्या में देश विदेश के कोने-कोने से पर्यटक आते हैं, गोमुख तीर्थ स्थल का दर्शन करते हैं और आशीर्वाद भी प्राप्त करते हैं। गोमुख तीर्थ स्थल होने के साथ ही साथ सबसे बड़ा पर्यटक स्थल भी है। पर्यटक स्थल इसलिए है क्योंकि इसके आसपास का जो प्रकृति का आवरण है यह आवरण वातावरण को खुशनुमा बना देती है जिससे मन में सकारात्मक विचार पनपने लगते हैं।
Gomukh का नामकरण गोमुख कैसे पड़ा?
गोमुख का नामकरण गोमुख इसलिए पड़ा क्योंकि गोमुख गुफा के पास जो गंगोत्री नामक ग्लेशियर है। उसी से गंगा नदी निकलती है। लेकिन आपको बता दें कि गंगोत्री ग्लेशियर को दूर से देखने पर उसकी आकृति गाय के मुख की भांति दिखती है जिसके परिणाम स्वरूप इसे गोमुख नाम दिया गया।
हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष दर्जा रखने वाली गोमुख की भौगोलिक अवस्थिति क्या है?
भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में गोमुख स्थित है। यहीं से गंगा नदी का एक स्त्रोत भागीरथी नदी नदी है। भागीरथी नदी का नाम भागीरथी नदी इसलिए पड़ा क्योंकि ऋषि भगत भगीरथ की कठोर तपस्या के कारण गंगा जी स्वर्ग से धरती पर आई थी। जिसके परिणाम स्वरूप गंगा जी का एक नाम भागीरथी भी है गोमुख की समुद्र तल से ऊंचाई 4023 मीटर है।
गोमुख भ्रमण करने के लिए कैसे जाएं?
सबसे पहले आपको गंगोत्री से चलना प्रारंभ करना पड़ेगा इसके लिए आपको सबसे पहले गंगोत्री से डेढ़ किलोमीटर चलकर के कंखू चेक-पोस्ट। उसके बाद लगभग 7 किलोमीटर चल करके आपको चिड़वासा नामक स्थान मिलेगा। इस स्थान पर थोड़ा विश्राम करिए। विश्राम करने के बाद सिलवासा से लगभग 8 किलोमीटर चलने के बाद आपको भोजवासा नामक स्थान मिलेगा। भोजवासा नामक स्थान पर आपको दो आश्रम मिलेंगे राम बाबा और लाल बाबा। इस आश्रम पर आप रहकर भी आराम कर सकते हैं और आपको खाने- पीने की कोई असुविधा भी नहीं होगी क्योंकि यहां पर आपको शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी और पौष्टिक युक्त भोजन की भी पूर्ति की जा सकती है बस आपको अपनी जेब में पैसा रखना है। भोजबासा से 4 किलोमीटर चलने के बाद आपको गोमुख नामक स्थान मिल जाएगा।
गोमुख जाने के लिए पास कहां से बनता है?
गोमुख जाने के लिए पास या तो आप ऑनलाइन के माध्यम से बनवा सकते हैं या तो ऑफलाइन माध्यम से। यदि आप ऑनलाइन के माध्यम से बनवाना चाहते हैं तो आप चारधाम की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाइए और जो जानकारी मांगी जाए उस जानकारी को फिल अप करके अपना परमिट जारी करवा सकते हैं। यदि आप ऑफलाइन का सहारा लेना चाहते हैं तो ऑफलाइन के लिए डीएम के कार्यालय से और फॉरेस्ट गार्ड के ऑफिस से परमिट बनवा सकते है।
गोमुख लोग क्यों जाना चाहते हैं?
यदि आपको एडवेंचरर करना पसंद है। तब आपके लिए गोमुख सबसे बड़ा एडवेंचरर स्थान बन सकता है क्योंकि यह धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ ट्रैकिंग करने के लिए सबसे उत्तम स्थान है। यदि आपको ट्रैकिंग करने का शौक है। तब आप गोमुख पर जा सकते हैं। यहां पर आपको धरातल की उच्चावच की दशाएं आपको ट्रैकिंग करने में सहायता प्रदान करेंगे। जिसके परिणाम स्वरूप आपको ट्रैकिंग करने में बहुत ही आनंद आएगा।
गोमुख पर ट्रैकिंग करने से पहले कुछ ध्यान देने वाली बातें क्या -क्या है?
(1) यदि आप गोमुख पर ट्रैकिंग करना चाहते हैं सबसे पहले आपको शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार रहना पड़ेगा अर्थात आपको शारीरिक रूप से फिट होना चाहिए और आपके पास साहस भी होना चाहिए ट्रैकिंग करने के लिए।
(2) ट्रैकिंग करने के लिए आपके पास स्पोर्ट्स शूज या ट्रैकिंग शूज होना चाहिए जिससे आपको ट्रेकिंग करते वक्त सहजता महसूस हो।
(3) ट्रेकिंग के लिए आपको अपने हाथ में एक स्टिक को लेना ही पड़ेगा क्योंकि स्टिक के बिना यदि आप ट्रैकिंग करते हैं तो आपके लिए जानलेवा हो सकता है इसलिए आप स्टिक लेकर ही ट्रैकिंग करें।
(4) सबसे जरूरी बातें यह है कि पर्वती क्षेत्रों में मौसम की दशाएं प्रतिकूल होती है अर्थात कभी भी वर्षा हो सकती है इसलिए आप रेनकोट अवश्य ही पहने रहें जिससे आपको बारिश से कोई समस्या ना हो ट्रैकिंग करते समय।
(5) इसके अलावा आपको अपने पास कुछ जरूरी मेडिसिन जैसे मल्टीविटामिन कैप्सूल और प्रोटीन से संबंधित दवाई अपने पास रखनी चाहिए क्योंकि ट्रैकिंग करते वक्त इन दोनों दवाइयों की अधिक आवश्यकता पड़ती है।
(6) ट्रैकिंग करते वक्त आपको भूख भी लगेगी। जब आपको भूख लगेगी तो आप तुरंत खाना बना ही नहीं सकते क्योंकि आप ट्रैकिंग कर रहे हैं तो इसके लिए आप अपने पास चॉकलेट रखे। जिससे जब आपको भूख लगे तब आप चॉकलेट खा ले क्योंकि चॉकलेट से आपको तुरंत ही एनर्जी मिल जाएगी।
(7) ट्रैकिंग करते वक्त आपको अपने पास टॉर्च भी रखना चाहिए। टॉर्च इसलिए आपके पास होना चाहिए क्योंकि अंधेरे के वक्त आपको कोई जानवर नुकसान न पहुंचाए इसलिए टॉर्च आपकी ट्रैकिंग में बहुत ही सहायक साबित हो सकता है।
(8) पानी के ऊपर बने जो लकड़ी का पुल है। उसे आप को सावधानीपूर्वक से पार करना है। यदि आप उहाँपोह की स्थिति में पार करते हैं तो इससे फुल गिरने की संभावना हो जाती है और या आप पानी में गिर सकते हैं।
निष्कर्ष:
Gomukh एक पवित्र स्थल होने के साथ-साथ पर्यटन स्थल भी है। यहां पर देश के कोने -कोने से एडवेंचरर के शौकीन यहां आकर के ट्रैकिंग जरूर करते हैं।
FAQ:
(1) गोमुख कहां स्थित है?
Gomukh उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
(2) गोमुख के अंदर क्या है?
गंगोत्री हिमनद से भागीरथी नदी गोमुख के गुफा से होते हुए हरिद्वार के मैदान में प्रवेश करती है।
(3) गोमुख हरिद्वार से कितनी दूर है?
Gomukh हरिद्वार से 1209 किलोमीटर है।
(4) गोमुख पर ट्रैकिंग करने के लिए कौन सा महीना अच्छा रहता है?
गोमुख पर ट्रैकिंग करने के लिए मई महीने से लेकर के अक्टूबर का महीना अच्छा रहता है।