Chandan Ke Fayde: स्कंद पुराण के अनुसार माथे पर चंदन मलने से दुर्भाग्य दूर होता है अर्थात यदि आप कोई काम करते हैं और आप उसमें सफल नहीं रहते हैं। लेकिन माथे पर चंदन मलने के बाद आपका बनता हुआ काम कभी नहीं बिगड़ेगा और कोई ग्रह और नक्षत्र भी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर पाएंगे। भारत में चंदन को एक पवित्र वृक्ष माना जाता है क्योंकि इसका कारण यह है कि जब कोई यज्ञ या हवन या पूजा पाठ होता है तब चंदन का उपयोग जरूर होता है। और साथ ही साथ चंदन सिर्फ धार्मिक कार्यों में उपयोग होने वाला वृक्ष नहीं है बल्कि यह शरीर के कई रोगों को भी दूर करता है। आज हम इस लेख में यही जानेंगे कि चंदन हमारे किन किन रोगों को दूर करने में सहायक है। बस आपसे आग्रह है कि आप पूरे आर्टिकल को बिना स्किप किये ही पढियेगा। ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह सेहत का खजाना का है ।
चंदन क्या है? (Chandan Kya Hota Hai)
चंदन भी अन्य वृक्षों की तरह एक वृक्ष है। जिसमें त्रिगुणातीत के गुण पाए जाते हैं अर्थात सात्विक तामसिक, राजसी का अच्छा सामंजस्य रहता है। चंदन का वैज्ञानिक नाम सन्तलम एल्बम है। यह भारत के कर्नाटक ,तमिलनाडु में अधिक मात्रा में उत्पादन किया जाता है। और इसका उत्पादन भारत के अन्य राज्यों में भी होता है लेकिन कर्नाटक और तमिलनाडु के उत्पादन अनुपात से कम है। चंदन का उपयोग मूर्ति बनाने से लेकर हवन करने और सुगंधित अगरबत्ती बनाने और साथ ही साथ परफ्यूम बनाने और अरोमाथेरेपी देने के लिए भी किया जाता है।
चंदन कितने प्रकार का होता है? (Chandan Kitne Prakar Ka Hota Hai)
(1) भारतीय चंदन
भारतीय चंदन की न्यूनतम ऊंचाई 13 फीट और अधिकतम ऊंचाई 20 फीट होती है ।भारतीय चंदन भारतीय संस्कृत का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसकी प्रमाणिकता इस बात से लग जाती है कि इसका उपयोग प्राचीन काल से यज्ञ और हवन में होता आ रहा है और भारतीय चंदन की एक विशेष बात यह है कि सौ साल तक जीवित रह सकता है। भारतीय चंदन की तस्करी को रोकने के लिए भारत सरकार ने कड़ा कानून बनाकर इसे संरक्षण के तहत ला दिया है।
(2) लाल चंदन
लाल चंदन को एक अन्य नाम से भी जाना जाता है जिसका नाम है रक्त चंदन ।और साथ ही साथ इसकी न्यूनतम ऊंचाई 20 फीट और अधिकतम ऊंचाई 25 फीट तक होती है। इसमें anti-inflammatory के गुण भी पाए जाते हैं। और यह चंदन तमिलनाडु के शेषम जंगलों में पाया जाता है। पुष्पा मूवी लाल चंदन के तस्करी से संबंधित बनी है। लाल चंदन का उपयोग गिटार बनाने से लेकर बड़े बड़े वादे यंत्र और साथ ही साथ श्रृंगार के सामानों में भी उपयोग किया जाता है।
(3) सफेद चंदन
सफेद चंदन एक प्रकार का सदाबहार वृक्ष है। जिसमें अनेको औषधीय लाभ पाए जाते हैं। सफेद चंदन के वृक्ष से साबुन, परफ्यूम और साथ ही साथ सौंदर्य प्रसाधन के उत्पाद बनाए जाते हैं।
(4) मलयागिरि चंदन
मलयागिरि चंदन वृक्ष की न्यूनतम ऊंचाई 20 फीट और अधिकतम ऊंचाई 30 फीट तक होता है। मलयागिरि चंदन दक्षिण भारत के पश्चिमी घाटों में पाया जाता है जैसे कि मैसूर, कुर्ग, हैदराबाद और नीलगिरी आदि। मलयागिरी चंदन का उपयोग पायदान बनाने से लेकर चौकी बनाने और साथ ही साथ सुंदर बक्सा बनाने में भी किया जाता है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि मलयागिरी चंदन की कई उपप्रजातिया होती है। लेकिन उप प्रजातियों में से श्रीखंड उपप्रजाति का वृक्ष श्रेष्ठ माना जाता है।
चंदन हमारे शरीर के लिए किस प्रकार से लाभदायक है? (Chandan Hamare Sarir Ke Liye Kis Prakar Labhdayak Hai | Chandan Ke Fayde)
यदि हम चंदन का उपयोग अपने प्रतिदिन की दिनचर्या में करते हैं तो हमें निम्नलिखित फायदा मिलेगा।
(1) सिरदर्द को ठीक करने में सहायक
चंदन में anti-inflammatory के गुण पाया जाता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन चंदन पर एक शोध की है जिसके अनुसार चंदन में पाली फेनोलिक और साथ ही साथ एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। जो सिर दर्द की समस्या को खत्म कर देता है अर्थात आप चंदन के पाउडर का लेप अपने माथे पर लगाते हैं इससे आपका सिर दर्द ठीक हो जाएगा।
(2) हृदय रोग को दूर करने में सहायक
चंदन में एंटीऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है जो करीब पर पड़ने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करता है क्योंकि फ्री रेडिकल्स की वजह से हृदय रोग और कैंसर रोग हो जाता है एक शोध के मुताबिक चंदन में एंटी ऑक्सीडेंट के प्रभाव पर डीपीपीएच नामक रेडिकल पर पाया गया है। इसके साथ ही चंदन में एंटी ऑक्सीडेंट की कैपेसिटी साबित हुई है।
(3) एंटीसेप्टिक के रूप में
चंदन में एंटीसेप्टिक का गुण भी पाया जाता है। हल्की फुल्की चोट या घाव लगने के बाद यदि उस घाव पर चंदन का लेप लगाया जाए। वह घाव जल्दी भर जाएगा और साथ ही साथ नासूर भी नहीं बनेगा। और साथ ही साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाता है।
(4) कैंसर की बीमारी में भी सहायक
कैंसर की बीमारी बहुत ही जानलेवा बीमारी है। यदि इसके चपेट में कोई सामान्य व्यक्ति आ जाए। वह जल्दी बचता नहीं है। लेकिन नेशनल सेंटर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की एक स्टडी के अनुसार चंदन के तेल में एंटी कैंसर का गुण पाया जाता है अर्थात चंदन के तेल में ऐसे ऐसा गुण पाया जाता है जो कैंसर को तो ठीक नहीं कर सकता लेकिन रफ्तार को धीमा कर सकता है।
(5) कील मुंहासे को ठीक करने में सहायक
चंदन में एंटीमाइक्रोबियल और साथ ही साथ एंटीबैक्टीरियल के गुण पाया जाता है। यदि चंदन का लेप चेहरे पर लगाया जाए तो इससे आप देखेंगे कुछ दिनों में आपके चेहरे पर कील मुहासे ठीक हो जाएगा। और साथ ही साथ आपके चेहरे पर ग्लो भी आ जाएगा।
(6) पेट की बीमारी को ठीक करने में सहायक
चंदन में एंटीअल्सर का गुण पाया जाता है। जो आपके पेट की बीमारी को ठीक रखता है अर्थात आपको अल्सर की समस्या भविष्य में कभी नहीं सकती है। यदि आप अपने प्रतिदिन के दिनचर्या में चंदन का सेवन करते हैं तो।
(7) वायरल फीवर को भी दूर करने में सहायक
चंदन में एंटीपायरेटिक का भी गुण पाया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को हल्का-फुल्का वायरल फीवर हो जाता है तो यदि अपने दिनचर्या में चंदन का लेप अपने शरीर पर लगाते है तो इससे उसका बुखार ठीक हो जाएगा ।ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसका उपयोग आप आयुर्वेदाचार्य के दिशा निर्देश में ही करें अन्यथा लाभ से ज्यादा हानि हो जाएगा।
चंदन का हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव क्या पड़ता है? (Chandan Ka Hamare Sarir Par Kya Dushprabhav Hota Hai | Chandan Ke Nuksan)
जिस भी किसी व्यक्ति को खाज खुजली की समस्या है यदि वह चंदन का उपयोग अपने प्रतिदिन की दिनचर्या में करता है तो हो सकता है उसे जलन की समस्या हो सकती है। और साथ ही साथ यदि चंदन का सेवन आहार के रूप में किया जाए तो हो सकता है हमें पेट में कई समस्याएं हो सकती है। लेकिन अभी तक इसकी प्रमाणिकता नहीं मिली है कि इसके सेवन से पेट में कोई समस्या भी हो सकती है।
निष्कर्ष
चंदन भी अन्य वृक्षों की तरह एक वृक्ष है। इसमें सात्विक प्रवृत्ति पाई जाती है। यदि जो भी व्यक्ति अपनी दिनचर्या में चंदन का उपयोग करता है तो उसे मानसिक और शारीरिक बीमारियां कभी नहीं होगी।
सामान्य प्रश्न
(1) नाभि पर चंदन लगाने से क्या फायदा मिलता है?
यदि नाभि पर चंदन का लेप लगाया जाए तो इससे शरीर में होने वाली खाज खुजली की समस्या दूर हो जाती है।
(2) सफेद चंदन का हमारे शरीर के लिए क्या महत्व है?
सफेद चंदन का हमारे शरीर के लिए सबसे बड़ा महत्व है कि इससे मोतियाबिंद का रोग दूर हो जाता है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि यदि किसी आयुर्वेदाचार्य के दिशा निर्देश में सफेद चंदन का उपयोग किया जाए तभी आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
(3) असली चंदन की पहचान कैसे करें?
असली चंदन की पहचान यदि आपको करनी है तब आप चंदन को किसी फर्श पर घिसिये। घिसने के परिणाम स्वरूप यदि खुशबू आने लगे तो आप समझ जाइए या असली चंदन है।
(4) माथे पर चंदन का टीका लगाने से क्या फायदा मिलता है?
यदि आप अपने माथे पर प्रतिदिन चंदन का टीका लगाते हैं तो इससे यह होगा कि आपके अंदर सकारात्मक उर्जा का संचार होगा और साथ ही साथ आपका मन एकाग्र चित्त होगा और अंदर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होगा।