सूर्य भगवान की उपासना करना बहुत ही लाभदायक है। इसका कारण है कि सूर्य भगवान हमें अपने प्रकाश के माध्यम से हमारे मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। जिससे हम एक संपन्न जीवन जी सके। सूर्य भगवान की उपासना करने के लिए सबसे अच्छा माध्यम है। आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना (Aditya Hridaya Stotra Path)।
अब आपके मन में प्रश्न उठ रहा होगा। आदित्य हृदय स्त्रोत क्या है? इसका विधि क्या है ,पाठ करने का ?और साथ ही साथ आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से हमें क्या फायदा मिलता है? आदि जानकारी आपको इस आर्टिकल में बताई जाएगी।
आपको आर्टिकल के किसी भी पार्ट को स्किप नहीं करना है। यदि आप आर्टीकल के किसी भी पार्ट को स्किप करेंगे। तब आपको अधूरी जानकारी प्राप्त होगी ।जिसके परिणाम स्वरूप आप सूरज भगवान की उपासना नहीं कर पाएंगे सही ढंग से। और जिसके फलस्वरूप आप उनके आशीर्वाद से वंचित हो जाएंगे। आपको आर्टिकल को लाइन टू लाइन पढ़ना है। जिससे आपको आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ का पूरा लाभ मिले।
आदित्य हृदय स्त्रोत क्या है ? (Aditya Hridaya Stotra Path | What is Aditya Hridaya Stotra Path )
आदित्य हृदय स्त्रोत सूर्य भगवान की उपासना करने की एक पद्धति है। जिसके माध्यम से आप सूर्य भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं ।और आपका जीवन खुशहाल में हो सकता है ।
जिस प्रकार सूर्य की रोशनी से सारे जीव प्रकाशित होते हैं, उसी प्रकार आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से हमारा जीवन भी प्रकाशमय हो जाता है। आप सब ने वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण अवश्य ही देखी होगी। रामायण में एक प्रसंग है कि जब राम भगवान रावण पर विजय प्राप्त करना चाहते थे। उसके लिए ऋषि अगस्त्य ने राम भगवान को आदित्य हृदय स्त्रोत मंत्र का पाठ करने के लिए कहा था। जिससे राम आसानी से रावण पर विजय प्राप्त कर सके। इतनी महत्ता होने के कारण सूर्य भगवान की उपासना करना ।हम सब मनुष्य का कर्तव्य हो जाता है। क्योंकि भगवान स्वयं उनकी उपासना के माध्यम से जब आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ।तब हम तुच्छ मनुष्य क्या उनकी उपासना नहीं कर सकते।
आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ करने की विधि (Aditya Hridaya Stotra Path ki vidhi | Methods of Aditya Hridaya )
आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ करना बहुत ही सरल है। बस इसके लिए कुछ सावधानियां आपको बरतनी है। आप प्रतिदिन नियमित स्नान के बाद आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना है। और जब आप पाठ करते हो तब सूर्य भगवान को अर्ग भी जरूर दें। यदि आप इतने नियमों का पालन करते हैं। तब आप आसानी से आदित्य हृदय स्त्रोत मंत्र का लाभ उठा सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ करने की विधि का प्रोसेस क्या है?
(a) सबसे पहले आप ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाइए। अर्थात आप सुबह के 4:00 बजे उठ जाइए ।उठने के बाद अपनी दिनचर्या की नित्य क्रिया से उऋण हो जाइए। उऋण होने के बाद आप स्नान करिए। स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें आपको रोली और चंदन पुष्प डालना है। पुष्प में गुलाब का पुष्प होना अनिवार्य है ।तब इस जल को पूर्व दिशा में खड़े होकर सूर्य को अर्पित करें।
(b) सूर्य को जल अर्पित करते समय गायत्री मंत्र का जाप करें। इसके परिणाम स्वरूप ही आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। तभी आपको हृदय स्त्रोत पाठ का लाभ मिलेगा।
(c) यदि आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ शुक्ल पक्ष के किसी रविवार को किया जाए। तब इसका बहुत ही उत्तम लाभ मिलता है। क्योंकि कहा जाता है कि तब आपके ऊपर सूर्य भगवान की असीम अनुकंपा बरसेगी । जिसके परिणाम स्वरुप आप धन और धान्य से भर जाएंगे।
(d) ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस पाठ को आप को सूर्योदय के समय ही करना है । अन्यथा आप इसके लाभ से वंचित हो जाएंगे। आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने के बाद आपको सूर्य भगवान का ध्यान करना है। और मन में जाप करना है ओम सूर्योदय नमः, ओम सूर्योदय नमः। इस मंत्र का उच्चारण कम से कम 10 बार उच्चारण करना है। यदि आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ रविवार को किया जाए। भगवान सूर्य की असीम अनुकंपा हमको मिलती है। यदि आप प्रतिदिन नहीं कर सकते हैं। तब आप रविवार को जरूर से जरूर आदित्य हृदय स्त्रोत मंत्र का पाठ करें। लेकिन इसके लिए ध्यान देने वाली बात यह है कि आपको रविवार का दिन नमक का सेवन नहीं करना है और साथ ही साथ मांस नहीं खाना है ।और दारु शराब को नहीं पीना है ।और आपको तेल का भी प्रयोग नहीं करना है अर्थात आप को तामसिक भोजन से दूर रहना है।
आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ करने का लाभ क्या मिलता है? (Aditya Hridaya Stotra Path ke labh | Benefits of Aditya Hridaya )
(1) यदि आप आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करते हैं, प्रतिदिन इससे आपको यह लाभ प्राप्त होगा आपके अंदर आत्मविश्वास आएगा। जिससे आप अपनी बात को किसी अन्य व्यक्ति के सामने बड़े आत्मविश्वास के साथ कह सकते हैं। और साथ ही साथ संयम के साथ किसी की बात को सुन भी सकते हैं। अर्थात आप एक अच्छा श्रोता और वक्ता दोनों बन सकते हैं।
(2) यदि आप प्रतिदिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करते हैं। तब आप के मार्ग में कोई रुकावट नहीं आएगी। अर्थात आपकी मार्ग में आने वाली रुकावते हट जायेंगी। और आपका जो संकल्प हैं। वह संकल्प पूर्ण होंगे जिससे आप मनोकामना पूरी हो।
(3) यदि आप प्रतिदिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करते हैं ।तब आप को सबसे बड़ा यह लाभ मिलेगा कि यदि आप निसंतान दंपति हैं ।इसका पाठ करने के बाद आप को संतान की प्राप्ति होगी।
(4) यदि आप प्रतिदिन हृदय स्त्रोत का पाठ करते हैं तब आपका मनचाहा प्रेम आपको नहीं मिल रहा है। इस पाठ करने के परिणाम स्वरूप आपका मनचाहा प्रेम मिलेगा और साथ ही साथ आपका मनचाहा लड़की से शादी भी होगा ।और आपको असीमित धन की प्राप्ति होगी।
(5) यदि आप आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करते हैं तब आप को सबसे बड़ा लाभ है मिलेगा की यदि कोई व्यक्ति किसी के पीठ पीछे आपकी निंदा करता है। वह निंदा करने वाला व्यक्ति आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने पर तब आपकी अच्छाइयों को लोगों को बताएगा।
निष्कर्ष :
आपसे आशा करता हूं कि आदित्य हृदय स्त्रोत के बेनिफिट क्या है ,से संबंधित आर्टिकल आपको अवश्य पसंद आएगा। यदि आर्टिकल आपको पसंद आता है तब आपसे मैं विनम्र पूर्वक आग्रह करता हूं। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के पास शेयर करिए ।जिससे वह भी इस आर्टीकल का लाभ उठा सके ।और भविष्य में मुझे भी ऐसे आर्टीकल लाने के लिए और प्रोत्साहन भी मिल सके।
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